प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के बीच 24 जुलाई 2025 को लंदन में हुई मुलाकात ने भारत-ब्रिटेन संबंधों की दिशा को नया आयाम दिया। यह दौरा न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से अहम रहा, बल्कि इससे दोनों देशों के बीच आपसी समझ, सहयोग और सामरिक साझेदारी का एक नया संदेश भी दुनिया को मिला।
🔹 प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत – भाषा पर हल्का-फुल्का संवाद
दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन, जब पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए मंच पर पहुंचे, तो माहौल पहले ही क्षण से सौहार्दपूर्ण नजर आया। जैसे ही पत्रकारों ने अनुवादित प्रश्नों के जरिए सवाल पूछने की प्रक्रिया शुरू की, पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा,
"चिंता मत कीजिए, हम बीच-बीच में अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं।"
उनके इस हल्के-फुल्के संवाद पर कीर स्टारमर भी मुस्कुरा उठे और जवाब दिया,
"मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं।"
यह संवाद दर्शाता है कि दोनों नेताओं के बीच न केवल कूटनीतिक परिपक्वता है, बल्कि एक आपसी व्यक्तिगत समझ भी विकसित हो रही है, जो आने वाले समय में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती दे सकती है।
🔹 भारत-ब्रिटेन संबंधों की बुनियाद – क्रिकेट से तुलना
पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत और ब्रिटेन के रिश्तों को एक दिलचस्प उदाहरण के माध्यम से समझाया। उन्होंने क्रिकेट का ज़िक्र करते हुए कहा:
"कभी-कभी स्विंग होती है, कभी चूक, लेकिन हम हमेशा सीधे बल्ले से खेलते हैं।"
इस कथन से उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत-ब्रिटेन साझेदारी में पारदर्शिता और ईमानदारी प्राथमिकता है।
इसी के साथ उन्होंने दोनों देशों के क्रिकेट प्रेम को साझा जुनून बताया। उन्होंने कहा कि क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि हमारी साझेदारी का प्रतीक है। दोनों देशों की टीमें इस समय भी टेस्ट सीरीज के लिए आमने-सामने हैं, और यह साझेदारी मैदान से बाहर भी उतनी ही मजबूत हो रही है।
🔹 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की ओर प्रगति
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी ज़ोर दिया और कहा कि यह समझौता दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी को गति देगा। भारत को जहां तकनीकी, निवेश और निर्यात के अवसर मिलेंगे, वहीं ब्रिटेन को भारतीय बाजार में स्थायीत्व और संभावनाएं दिखेंगी।
एफटीए को लेकर दोनों देशों की टीमों के बीच तकनीकी वार्ताएं चल रही हैं, और इस दौरे ने राजनीतिक सहमति का माहौल मजबूत किया है।
🔹 आतंकवाद पर एकजुटता – पहलगाम हमले का जिक्र
पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि चरमपंथी विचारधाराओं को लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। ऐसे तत्वों को सख्ती से निपटाया जाना चाहिए और उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की ज़रूरत है।
🔹 सांस्कृतिक और वैश्विक मुद्दों पर संवाद
पीएम मोदी और कीर स्टारमर के बीच बातचीत सिर्फ द्विपक्षीय मुद्दों तक सीमित नहीं रही, बल्कि जलवायु परिवर्तन, तकनीक, शिक्षा और वैश्विक लोकतंत्र जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा हुई। मोदी ने यह स्पष्ट किया कि भारत और ब्रिटेन एक साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हैं।
🔚 निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी का लंदन दौरा केवल औपचारिकताओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भारत-ब्रिटेन संबंधों में नया विश्वास और ऊर्जा भरने वाला रहा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के अनौपचारिक लहजे ने यह साबित किया कि कूटनीतिक रिश्तों में भी मानवीय संवेदनाएं, हास्य और पारस्परिक समझ की बड़ी भूमिका होती है।
भारत-ब्रिटेन संबंध अब नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं – एक ऐसी दिशा, जो पारस्परिक सम्मान, साझा हितों और वैश्विक जिम्मेदारियों की मजबूत नींव पर आधारित है।