रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष लगातार गंभीर होता जा रहा है। हाल ही में रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है, जिसने पूरे विश्व को हैरान कर दिया है। यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर हुई बातचीत के बाद हुआ। गुरुवार की रात रूस ने कीव पर जोरदार एयर स्ट्राइक की और बीती रात करीब सात घंटे तक लगातार बमबारी जारी रही।
कीव पर भयानक मिसाइल और ड्रोन हमला
कल रात कीव पर लगभग 11 मिसाइलें और 550 ड्रोन दागे गए, जो रूस की ओर से एक संगठित और बड़े पैमाने का हमला था। इस हमले में यूक्रेन के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। रूस की इस बमबारी से कीव के नागरिकों में दहशत और चिंता फैल गई है। बमबारी की आवाजें पूरे शहर में सुनाई देती रहीं और लोग निडर होकर अपने-अपने घरों में छिपे रहे। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक बच्चा समेत लगभग 26 लोग घायल हुए हैं।
यूक्रेनी राष्ट्रपति की चिंता और अमेरिकी राष्ट्रपति से वार्ता
रूस के लगातार हमलों से यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की बेहद निराश हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत की और रूस की सेना के इस बड़े हमले पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। जेलेंस्की ने बताया कि उनकी रात बेहद कठिन और भयावह रही, वे ठीक से सो नहीं पाए। उन्होंने ट्रंप से कहा कि रूस की यह बर्बरता रोकने के लिए अमेरिका को यूक्रेन की मदद बढ़ानी होगी।
यूक्रेन के एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए अमेरिका ने हाल ही में कुछ कदम उठाए हैं, जिसका भी जेलेंस्की ने जिक्र किया। उन्होंने आशा जताई कि ट्रंप रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर इस युद्ध को जल्द खत्म कराने की कोशिश करेंगे। यूक्रेन के समर्थन में यूरोप के कई देश हथियारों की कमी पूरी करने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसमें समय लग सकता है।
शांति वार्ता की स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान शांति वार्ता की कई कोशिशें हुई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिली है। दोनों देशों ने युद्ध बंदी और शहीद सैनिकों के शवों के आदान-प्रदान जैसे मामूली समझौतों पर ही सहमति बनाई है, लेकिन वास्तविक युद्ध विराम के लिए कोई तारीख फाइनल नहीं हुई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा है कि रूस से शांति की उम्मीद कम होती जा रही है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति
रूस और यूक्रेन के बीच विवाद 2014 से शुरू हुआ जब रूस ने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के प्रयासों को रोकने के लिए क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला कर युद्ध की शुरुआत की। यह अब तक यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा और खतरनाक युद्ध है।
2025 तक आते-आते रूस ने यूक्रेन के लगभग 20 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन की कुल आबादी लगभग 41 मिलियन है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में करीब 80 लाख लोग देश छोड़कर चले गए हैं। इसके अलावा लगभग 80 लाख लोग ही यूक्रेन के अंदर विस्थापित होकर विभिन्न जगहों पर शरण लिए हुए हैं।
वैश्विक और मानवीय संकट
इस युद्ध ने ना केवल यूक्रेन और रूस को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे विश्व को आर्थिक, राजनीतिक और मानवीय संकट में डाल दिया है। तेल, गैस, खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। लाखों लोग घरों से बेघर हो चुके हैं और युद्ध क्षेत्र में इंसानी जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
निष्कर्ष
रूस और यूक्रेन के बीच जारी इस विनाशकारी युद्ध का कोई अंत अभी दिखाई नहीं दे रहा है। रूस द्वारा की गई कीव पर सबसे बड़ी एयर स्ट्राइक ने संघर्ष की भयावहता को और बढ़ा दिया है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच जारी संवाद से उम्मीद की किरण जगी है, लेकिन शांति स्थापित करने के लिए अभी भी कई चुनौतियां बाकी हैं। इस युद्ध के मानवीय और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए वैश्विक समुदाय की भूमिका और समर्थन और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।