अब वो दिन काफी करीब हैं, जब होटल में चेक-इन, रेंटल agreement या अन्य कोई सेवा लेते समय आपको UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के लिए फिजिकल आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी जमा करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। UIDAI ने 2025 के अंत तक एक नई डिजिटल वेरिफिकेशन प्रक्रिया लागू करने की तैयारी कर ली है, जिससे पेपर-बेस्ड आधार वेरिफिकेशन पूरी तरह बंद हो जाएगा।
फोटोकॉपी पूर्ति का नियम बदल जाएगा
बहुत से लोग जानते होंगे कि होटल, बैंक, रेंटल एजेंसी, इवेंट-ओर्गनाइज़र आदि संस्थाएं पहले अक्सर आधार कार्ड की फोटोकॉपी मांगती थीं और उसे अपने रिकॉर्ड में रख लिया करती थीं। यह सिर्फ असुविधा का कारण नहीं थी, बल्कि एक सुरक्षा जोखिम भी रही — क्योंकि उस कॉपी से डेटा लीक या पहचान की चोरी जैसे खतरे संभव होते हैं। अब UIDAI इस प्रथा को पूरी तरह समाप्त करना चाह रहा है। नए नियम के तहत, जिन संस्थाओं को आधार वेरिफिकेशन करना है, उन्हें पहले रजिस्टर करना पड़ेगा — यानी बिना पंजीकरण किये किसी भी होटल, इवेंट या अन्य निजी संस्था को आधार वेरिफिकेशन की अनुमति नहीं होगी।
डिजिटल वेरिफिकेशन — QR कोड और नए ऐप के ज़रिए
UIDAI का अगला कदम है एक नए आधार ऐप और QR-क्यूआर कोड आधारित प्रणाली को रोल आउट करना। इस सिस्टम में, आधार कार्ड केवल एक फोटो + QR कोड के रूप में रहेगा — नाम, पता या 12-अंक Aadhaar नंबर जैसे विवरण कार्ड पर छपे नहीं होंगे।
कैसे काम करेगा नया वेरिफिकेशन:
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उपयोगकर्ता अपना QR-क्यूआर कोड दिखाएगा, जिसे संस्था के वेरिफिकेशन ऐप से स्कैन किया जाएगा।
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ऐप के जरिये फेस-वेरिफिकेशन या अन्य प्रमाणीकरण हो सकेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि आधार कार्ड वास्तव में उसी व्यक्ति का है।
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इस प्रक्रिया में फिजिकल फोटोकॉपी लेने या स्टोर करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
UIDAI का कहना है कि इस तरह की डिजिटल वेरिफिकेशन निजी डेटा की सुरक्षा बढ़ाएगी और आधार के दुरुपयोग को रोकने में मदद करेगी।
क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?
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पर्याप्त सुरक्षा: अब तक कई संस्थाएँ आधार फोटोकॉपी रखती थीं, जिससे डेटा लीक का खतरा हमेशा बना रहता था। नया QR-आधारित सिस्टम इन खतरों को काफी हद तक खत्म करेगा।
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गोपनीयता (Privacy): केवल अनिवार्य जानकारी पहचान हेतु साझा होगी, नाम, पता जैसी संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करनी पड़ेगी।
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कानूनी अनुपालन: फिजिकल कॉपी रखना और स्टोर करना असल में वर्तमान Aadhaar Act के तहत गलत माना जाता है; यह नया नियम उसी का प्रवर्तन है।
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सुविधा: यात्रा, होटल बुकिंग, रेंटल समझौते, इवेंट एंट्री जैसे काम अब सिर्फ कुछ क्लिकों में निपटेंगे — फोटोकॉपी देने की झंझट खत्म होगी।
उपयोगकर्ता के लिए क्या बदलने वाला है
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आपकी फिजिकल आधार-फोटोकॉपी अब काम न आएगी — QR-आधारित ऐप/वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
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होटल, इवेंट या किसी सार्वजनिक/निजी संस्था को आधार वेरिफाई करना हो तो उन्हें पहले UIDAI के साथ रजिस्टर करना होगा।
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आधार अपडेट, एड्रेस-प्रूफ आदि कार्य अब भी ऑनलाइन या मैन्युअल रूप से जारी रहेंगे।
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पुराने आधार कार्ड काम करेंगे, लेकिन फोटोकॉपी के बजाय QR कोड व ऐप से वेरिफिकेशन करना पड़ सकता है।