सन ऑफ़ सरदार 2 मूवी रिव्यु: हंसी, इमोशंस और कल्चर का सुपरहिट पंजाबी तड़का
इसमें एंटरटेनमेंट है, इमोशन है, रिश्तों की मिठास है और ढेर सारी मस्ती है।
निर्देशक – विजय कुमार अरोड़ा
कलाकार – अजय देवगन, रवि किशन, मृणाल ठाकुर, दीपक डोबरियाल, कुब्रा सैत, चंकी पांडे, शरत सक्सेना, मुकुल देव, विंदू दारा सिंह, रोशनीवालिया, संजय मिश्रा, अश्विनी कालसेकर, साहिल मेहता, डॉली आहलूवालिया, नीरू बाजवा
समय – 147.32 मिनट
2012 में जब सन ऑफ सरदार रिलीज़ हुई थी, तो दर्शकों को एक मसालेदार, फुल-ऑन एंटरटेनमेंट का तोहफा मिला था। तब से ही फैंस इसकेसीक्वल का इंतज़ार कर रहे थे। और अब, पूरे 13 साल बाद, सन ऑफ सरदार 2 आखिरकार बड़े पर्दे पर आई है—और कहना पड़ेगा कि इसने वापसीनहीं, धमाकेदार वापसी की है!
ये फिल्म सिर्फ हंसी का डोज़ नहीं है, बल्कि इसमें परिवार, रिश्ते, संस्कृति और खुद की पहचान खोजने जैसी भावनाएं भी खूबसूरती से जुड़ी हुई हैं।निर्देशक विजय कुमार अरोड़ा ने सन ऑफ सरदार 2 को एक संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजन में ढाल दिया है, जहां हंसी, भावना और संस्कृति का शानदारमेल देखने को मिलता है।
जसविंदर “जस्सी” रंधावा (अजय देवगन) लंदन पहुंचा है एक अधूरे रिश्ते को पूरा करने की उम्मीद में। वह अपनी पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) से फिर सेजुड़ना चाहता है, लेकिन डिंपल साफ कह देती है कि वो अब आगे बढ़ चुकी है और तलाक चाहती है। जस्सी टूट जाता है, लेकिन किस्मत उसे एक नईराह दिखाती है जब उसकी मुलाकात होती है राबिया (मृणाल ठाकुर) से।
राबिया एक तेज़-तर्रार पाकिस्तानी बिजनेसवुमन है जो शादी समारोहों के लिए डांस ट्रूप चलाती है। जस्सी, जो अब बेघर और बेरोज़गार है, को राबियाअपने साथ रहने का मौका देती है। धीरे-धीरे उनके बीच दोस्ती, सहयोग और इमोशनल बॉन्ड बनता है।
दूसरी तरफ राबिया के दोस्त दानिश की बेटी सबा का दिल एक भारतीय लड़के गोग्गी पर आ जाता है। लेकिन गोग्गी के पिता राजा संधू (रवि किशन) बेहद पारंपरिक हैं और एक "संस्कारी, भारतीय बहू" की उम्मीद रखते हैं। चूंकि सबा पाकिस्तानी है, दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। हल? जस्सी को बननापड़ता है सबा का 'झूठा भारतीय पिता'—वो भी एक पूर्व फौजी की इमेज में।
अब शुरू होती है झूठ और सच के बीच की दौड़, जिसमें भरपूर मस्ती, डांस, ड्रामा और दिल को छू जाने वाले पल हैं।
अजय देवगन जस्सी के रोल में एकदम फिट बैठे हैं। उनके चेहरे के एक्सप्रेशन, ह्यूमर टाइमिंग और इमोशनल सीन में उनकी पकड़ शानदार है। मृणालठाकुर एक फ्रेशनेस लेकर आती हैं। उनका किरदार मजबूत भी है और प्यारा भी। रवि किशन पूरी फिल्म में एक मज़ेदार विलेन की तरह छाए रहते हैं।दीपक डोबरियाल ने गुल के ट्रांसजेंडर किरदार को बड़ी गरिमा, सहजता और कॉमेडी के संतुलन के साथ निभाया है।संजय मिश्रा, चंकी पांडे, कुब्बरासैत, विंदू दारा सिंह और अश्विनी कालेसेकर सभी ने फिल्म में अपने-अपने हिस्से को पूरी गंभीरता और मज़ाकिया अंदाज़ से निभाया है।
विजय कुमार अरोड़ा ने निर्देशन में शानदार संतुलन बनाए रखा है। फिल्म की गति अच्छी है—न कहीं खिंचती है, न कहीं भागती है। हर किरदार कोभरपूर स्क्रीन टाइम और डेप्थ दी गई है।
सिनेमैटोग्राफी भी कमाल की है—लंदन और स्कॉटलैंड की लोकेशंस के साथ-साथ पंजाब की खुशबू और रंगीनियत दोनों साफ झलकती है।
फिल्म का म्यूज़िक इसकी जान है।“पहला तू दूजा तू” ,“नचदी”, “नज़र बट्टू” तीनो गाने ऑडियंस को पहले से ही बेहद पसंद आ चुके हैं। बैकग्राउंडस्कोर मूड को मज़ेदार बनाए रखता है और जहां ज़रूरत होती है वहां इमोशन को भी बढ़ाता है।
अगर आप हंसी, ड्रामा, रिश्ते, और पंजाबी तड़का पसंद करते हैं,अगर आप फैमिली के साथ कोई फिल्म देखना चाहते हैं जो हर उम्र को एंटरटेन करे,और अगर आप अजय देवगन को उनके मस्ती भरे अंदाज़ में देखना चाहते हैं—तो सन ऑफ सरदार 2 एक परफेक्ट चॉइस है।
देवगन फिल्म्स और जियो स्टूडियोज द्वारा निर्मित सन ऑफ सरदार 2 वो फिल्म है जो वाकई में फुल पैसा वसूल है। इसमें एंटरटेनमेंट है, इमोशन है,रिश्तों की मिठास है और ढेर सारी मस्ती है। यह उन कुछ सीक्वल्स में से एक है जो ओरिजिनल से भी ज्यादा परिपक्व और मजेदार लगा।