जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और इसके बाद पाकिस्तान एम्बेसी के एक अधिकारी द्वारा गला काटने की धमकी देने से मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गर्मा गया है। ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में यह मुद्दा बड़े ज़ोर-शोर से उठा। सांसदों ने न केवल आतंकी हमले की निंदा की, बल्कि ब्रिटिश सरकार से यह सवाल भी पूछा कि क्या वह इस घिनौने हमले के दोषियों को सजा दिलाने में भारत का समर्थन करेगी?
पाक अधिकारी का इशारा बना वजह
इस विवाद की शुरुआत एक वीडियो से हुई जिसमें लंदन में पाकिस्तान एम्बेसी के एक अधिकारी को भारतीय छात्रों की ओर गला काटने का इशारा करते हुए देखा गया। यह घटना पहलगाम हमले के बाद सामने आई, जिसने माहौल को और भड़का दिया। इस इशारे को हिंसा और आतंकवाद की मानसिकता का परिचायक माना जा रहा है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और इसके बाद भारतवंशी समुदाय और ब्रिटिश नेताओं में गंभीर नाराजगी देखी गई।
हाउस ऑफ कॉमन्स में मुद्दा उठा
ब्रिटिश संसद में कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस घटना पर जोरदार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“यह हमला न केवल विनाशकारी था, बल्कि सुनियोजित और समन्वित भी था। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा के पास अभी भी आतंकवादी ठिकाने सक्रिय हैं। ब्रिटेन को इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाना चाहिए।”
साथ ही ब्लैकमैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए किया जा रहा है, जो पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी है।
ब्रिटिश सरकार की अपील
जब यह सवाल उठाया गया कि क्या ब्रिटेन भारत का समर्थन करेगा ताकि हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जा सके, तो ब्रिटेन के विदेश कार्यालय मंत्री हामिश फाल्कनर ने जवाब दिया:
“हम 22 अप्रैल को जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से बेहद दुखी हैं। यह हमला विनाशकारी था। हम सभी पक्षों, सभी समुदायों और नेताओं से अपील करते हैं कि वे तनाव के समय शांति बनाए रखें।”
ब्रिटिश सरकार ने फिलहाल किसी भी पक्ष के समर्थन या विरोध में सीधा रुख न अपनाते हुए शांति और संतुलन बनाए रखने की अपील की है।
ब्रिटेन की सड़कों पर भी दिखा तनाव
ब्रिटिश सरकार ने यह भी माना कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब ब्रिटेन की सड़कों पर भी दिखाई दे रहा है। मंत्री फाल्कनर ने लंदन में हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा:
ब्रिटेन ने इस बात पर जोर दिया कि उसके देश में रहने वाले दोनों समुदायों को शांति बनाए रखनी चाहिए, ताकि अंतरराष्ट्रीय तनाव ब्रिटिश समाज में दरार न पैदा करे।
भारतीय समुदाय की नाराजगी
ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के नागरिक और सिख लेबर सांसद गुरिंदर सिंह जोसन ने सवाल उठाया कि आखिर ब्रिटिश सरकार पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद और हिंसा को लेकर चुप क्यों है?
उन्होंने पाकिस्तान एम्बेसी अधिकारी की हरकत को खुलेआम आतंक का समर्थन बताते हुए कार्रवाई की मांग की।
पाकिस्तान को लेकर गहराता संदेह
संसद में हुए इस बहस के दौरान कई सांसदों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आज भी आतंक को संरक्षण देने वाला देश बना हुआ है। उसने लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों को TRF (द रेजिस्टेंस फोर्स) के नाम से छिपाने की कोशिश की, लेकिन उनके आतंकवादी मंसूबे उजागर हो चुके हैं।
निष्कर्ष: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की किरकिरी
पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान की भूमिका पर दुनिया भर में सवाल खड़े हो रहे हैं। अब ब्रिटेन जैसे लोकतांत्रिक देश में भी पाकिस्तान की हरकतें संसद में बहस का विषय बन रही हैं। पाकिस्तानी अधिकारी द्वारा गला काटने की धमकी ने न केवल उसकी कूटनीतिक मर्यादाओं को लांघा है, बल्कि यह दिखा दिया है कि आतंक का समर्थन उसके डीएनए में है।
ब्रिटेन की सरकार ने भले ही शांति की अपील की हो, लेकिन सवाल अब यह उठता है:
क्या पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का वक्त नहीं आ गया?