यह खबर इस समय राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील बनी हुई है। पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को अमेरिका की ओर से 14 जून को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के मौके पर बुलाना, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिका के इस कदम को भारत के सामरिक और कूटनीतिक हितों के खिलाफ बताया और प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि वे एक सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाएं ताकि देश की सामूहिक इच्छा-शक्ति को स्पष्ट किया जा सके। उनका कहना है कि दशकों की कूटनीतिक प्रगति को इतनी आसानी से कमजोर नहीं होने दिया जाना चाहिए।
कांग्रेस की प्रमुख बातें:
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आसिम मुनीर ने पहलगाम आतंकी हमले से ठीक पहले भड़काऊ बयान दिए थे।
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अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘शानदार साझेदार’ कहा।
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अमेरिका भारत और पाकिस्तान को एक समान तराजू में तौल रहा है।
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प्रधानमंत्री को राजनीतिक प्रतिष्ठा छोड़कर देशहित में कदम उठाना चाहिए।
मामला क्यों संवेदनशील?
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली विदेश यात्रा है।
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इस दौरे का वक्त और मौके (अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का जन्मदिन) दोनों महत्वपूर्ण हैं।
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भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को देखते हुए यह दौरा भारत की कूटनीतिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।
आपकी जानकारी के लिए:
इस मामले में आगे भारत सरकार की प्रतिक्रिया और राजनीतिक दलों के रुख पर देश की नजर बनी हुई है। यह देखना होगा कि भारत इस चुनौतीपूर्ण दौर में अपने कूटनीतिक संतुलन को कैसे बनाए रखता है।