खेले T20 सीरीज के तीसरे मुकाबले में टीम इंडिया साउथ अफ्रीका से जीत गई और उसने $2-1$ की लीड भी ले ली। लेकिन, टीम इंडिया के लिए एक बड़ी समस्या ज्यों की त्यों बरकरार रही। यह समस्या है कप्तान सूर्यकुमार यादव का फॉर्म, जिनसे T20 इंटरनेशनल (T20I) में रन बन ही नहीं रहे। उन्हें T20I में अर्धशतक बनाए $21$ पारियां बीत चुकी हैं।
लेकिन, इतने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी सूर्यकुमार यादव हैं कि मानते ही नहीं कि वह 'आउट ऑफ फॉर्म' हैं। जी हां, धर्मशाला में तीसरे T20 के बाद उन्होंने कुछ ऐसी ही गजब की बातें की हैं।
धर्मशाला T20I में भी हुए फेल
धर्मशाला में खेले तीसरे T20I में भी सूर्यकुमार यादव का बल्ला नहीं चला। वह $11$ गेंदों पर मात्र $12$ रन बनाकर लुंगी नगीडी का शिकार हुए। और, इसी के साथ भारतीय क्रिकेट फैंस के सूर्यकुमार यादव के बल्ले से बड़ी पारी निकलते देखने का इंतजार और खींच गया।
इस पूरे साल नहीं चला सूर्या का बल्ला
सूर्यकुमार यादव की ख़राब बल्लेबाजी का आलम यह है कि पिछली $21$ T20I पारियों में उनके बल्ले से $13.27$ की मामूली औसत और $118.90$ के स्ट्राइक रेट के साथ सिर्फ $239$ रन ही निकले हैं।
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साल 2025 में प्रदर्शन: इनमें से $20$ मैच उन्होंने अकेले साल $2025$ में खेले हैं, जिसमें उनका औसत $14.20$ रहा है और उन्होंने सिर्फ $213$ रन बनाए हैं।
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अर्धशतक का सूखा: इस दौरान उन्होंने एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है। उनका बेस्ट स्कोर नाबाद $47$ रन का है।
कहते रहो आउट ऑफ फॉर्म, सूर्यकुमार को नहीं लगता
सूर्यकुमार यादव के इस प्रदर्शन को देखकर अब फैंस को तो लगता है कि वह आउट ऑफ फॉर्म हैं। क्रिकेट के जानकार और भारत के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को भी यही लगता है कि T20 वर्ल्ड कप $2026$ के नजरिए से गिल से भी ज्यादा सूर्यकुमार का फॉर्म टीम इंडिया के लिए चिंता वाली बात है।
लेकिन, खुद सूर्यकुमार यादव की मानें तो ऐसा कुछ भी नहीं है और उन्होंने अपनी फॉर्म को लेकर एक चौंकाने वाला बयान दिया।
ये तो गजब बात हो गई!
लगातार फेल हो रहे सूर्यकुमार यादव ने गजब बात की है। उन्होंने धर्मशाला में खेले तीसरे T20 के बाद कहा कि वो नेट्स पर शानदार बल्लेबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, "रन को जब आना होगा आ जाएगा।" इस बयान के जरिए उन्होंने खुद को 'आउट ऑफ फॉर्म' मानने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया, जबकि उनके आंकड़े लगातार उनके खराब फॉर्म की गवाही दे रहे हैं।
यह बयान क्रिकेट जगत में एक चर्चा का विषय बन गया है कि क्या एक खिलाड़ी के लिए केवल नेट्स का प्रदर्शन मायने रखता है, या अंतर्राष्ट्रीय मैचों में रन बनाना जरूरी है। फैंस और चयनकर्ता दोनों ही उम्मीद करेंगे कि जल्द ही उनका बल्ला मैदान पर भी उसी 'शानदार' तरीके से चले जैसा वह नेट्स पर बता रहे हैं।