नई दिल्ली: चोट किसी भी खिलाड़ी के करियर में एक रुकावट हो सकती है, लेकिन भारत के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले टी20 मैच में धमाकेदार वापसी करके यह साबित कर दिया कि एक मजबूत कमबैक सारे दर्द को भुला सकता है। एशिया कप में चोटिल होने के कारण करीब दो महीने तक मैदान से बाहर रहे पांड्या ने अपने वापसी मैच में ऑलराउंड प्रदर्शन से न सिर्फ तबाही मचाई, बल्कि प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी जीता। मैच के बाद उनकी बातों में उनकी खुशी और देश के प्रति समर्पण का भाव साफ झलक रहा था।
फिटनेस पर मेहनत रंग लाई: 6-7 महीने का सफर
प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब जीतने के बाद हार्दिक पांड्या ने अपने रिहैब और वापसी के बारे में भावुक होकर बात की। उन्होंने कहा कि उनकी बल्लेबाजी से वह संतुष्ट हैं और पिछले 6-7 महीने फिटनेस के मामले में शानदार रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में काफी समय बिताया। पांड्या ने कहा, "मैं अपनी बल्लेबाजी से संतुष्ट हूं। फिटनेस के हिसाब से पिछले 6-7 महीने कमाल के रहे हैं। मैंने पिछला कुछ समय NCA में बिताया। मैं नतीजे से खुश हूं। मैं कभी भी अपने किरदार को लेकर चिढ़ता नहीं हूं।"
'टीम इंडिया क्या चाहती है, यही मायने रखता है'
हार्दिक पांड्या ने इस दौरान अपने निजी लक्ष्यों से ऊपर टीम इंडिया की ज़रूरतों को रखने की बात पर ज़ोर दिया, जिसने उनकी वापसी को और भी खास बना दिया। उन्होंने कहा, "इससे फर्क नहीं पड़ता कि हार्दिक पांड्या क्या चाहते हैं, फर्क इससे पड़ता है कि टीम इंडिया क्या चाहती है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं अपना बेस्ट देने की कोशिश करता हूं। कई दिन अच्छे और कई बुरे होते हैं लेकिन सोचने का तरीका हमेशा मेरी मदद करता है। अपने करियर में मैंने हमेशा टीम और देश को सबसे पहले रखा है। मेरी यही खासियत है।"
बल्ले और गेंद से मचाया धमाल
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए साउथ अफ्रीका के सामने 175 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया, जिसका पूरा श्रेय हार्दिक पांड्या की तूफानी पारी को जाता है। पांड्या ने महज 28 गेंदों में 59 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली। उन्होंने 210 के अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट से रन बनाए, जिसमें 6 चौके और 4 छक्के शामिल थे।
इसके बाद, गेंदबाजी में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 2 ओवरों में केवल 16 रन देकर डेविड मिलर का अहम विकेट चटकाया। उनके इस ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया ने यह मैच 101 रन के विशाल अंतर से जीता। पांड्या का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि चोट से उबरने के बाद वह अब पहले से भी ज़्यादा मजबूत होकर लौटे हैं और आगामी श्रृंखलाओं के लिए भारतीय टीम के लिए यह एक बहुत बड़ा सकारात्मक संकेत है।