मुंबई, 05 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को संसद परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वह माननीय न्यायाधीशों का पूरा सम्मान करती हैं, लेकिन यह तय करना कि "सच्चा भारतीय कौन है", उनका अधिकार नहीं हो सकता। प्रियंका ने कहा कि विपक्ष के नेता का दायित्व होता है कि वह सरकार से सवाल पूछे। उन्होंने अपने भाई राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा कि वह कभी भी भारतीय सेना के खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे और हमेशा सेना का सम्मान करते हैं। उनके बयानों का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।
उधर, संसद भवन में एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी के बयान पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर कहा कि इससे बड़ी फटकार और कुछ हो नहीं सकती। दरअसल, यह पूरा मामला राहुल गांधी द्वारा सेना को लेकर दिए गए एक पुराने बयान से जुड़ा है, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नाराजगी जताई थी। 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की उस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई थी जिसमें उन्होंने भारत की ज़मीन पर चीन के कब्जे का दावा किया था। कोर्ट ने पूछा था कि यह जानकारी उन्हें कैसे मिली, क्या वे उस स्थान पर स्वयं मौजूद थे, और उनके पास इसका कोई प्रमाण है? गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि देश में भारत जोड़ो यात्रा की चर्चा तो हो रही है लेकिन इस बात पर कोई चर्चा नहीं हो रही कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्जा कर लिया, 20 भारतीय सैनिक मारे गए और अरुणाचल में भारतीय सैनिकों को पीटा गया। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से यह भी सवाल किया कि अगर वह विपक्ष के नेता हैं तो इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर क्यों कर रहे हैं, उन्हें संसद में क्यों नहीं उठाते?
इस मामले में राहुल गांधी के खिलाफ लखनऊ की अदालत में जो कार्यवाही शुरू हुई थी, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। इससे पहले 29 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने निचली अदालत द्वारा भेजे गए समन को चुनौती दी थी। राहुल गांधी चीन के कब्जे वाले क्षेत्र को लेकर पहले भी कई बार बयान दे चुके हैं। 3 अप्रैल 2025 को लोकसभा में उन्होंने कहा था कि चीन ने भारत की 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है और इसके बावजूद भारत सरकार के अधिकारी चीन के राजनयिकों के साथ जश्न मना रहे हैं। उन्होंने विदेश सचिव विक्रम मिसरी द्वारा चीनी राजदूत के साथ केक काटने की तस्वीरों पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने लोकसभा में कहा था कि हम सामान्य रिश्तों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जब तक भारत की जमीन वापस नहीं मिलती, तब तक ऐसे समारोहों का क्या औचित्य है। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा चीनी राजदूत को चिट्ठी लिखी गई है और यह जानकारी उन्हें मीडिया या विदेश मंत्रालय से नहीं, बल्कि दूसरों से मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी राजदूत खुद भारतीयों को यह बता रहे हैं कि उन्हें चिट्ठी भेजी गई है।