उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाली बुज़ुर्ग नूरजहां और विदेश में कार्यरत उनके दो बेटों पर एसआईआर फॉर्म में गलत जानकारी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के बाद राजनीति गर्मा गई है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह खुद रामपुर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने जिला प्रशासन, डीएम और भारतीय जनता पार्टी सरकार पर जमकर निशाना साधा। संजय सिंह ने इस कार्रवाई को पूरी तरह अमानवीय और अवैध करार देते हुए कहा कि “रामपुर डीएम को पांच पैसे की भी अक़्ल नहीं है। जिस तरह का व्यवहार और दमन इस परिवार पर किया जा रहा है, वो लोकतंत्र पर हमला है।” उन्होंने कहा कि नूरजहां एक बुज़ुर्ग महिला हैं, जिनके बेटों ने कोई जानकारी छुपाई नहीं। वे विदेश में काम करते हैं और भारतीय मतदाता हैं। उनके खिलाफ एसआईआर के नाम पर मुकदमा दर्ज किया जाना दमन की कार्रवाई है।
“उत्तर प्रदेश में भी बिहार जैसा खेल चल रहा है”
आप सांसद ने आरोप लगाया कि जिस तरह बिहार चुनाव में मतदाता फॉर्म और एसआईआर मामलों को लेकर विवाद सामने आए, उसी तरह अब उत्तर प्रदेश में भी उसी मॉडल को लागू किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सरकार विदेश में काम कर रहे भारतीय नागरिकों के वोट काटने की साजिश चला रही है।
संजय सिंह के अनुसार, प्रवासी भारतीयों के वोट राजनीतिक कारणों से प्रभावित किए जा रहे हैं, ताकि सत्ता पक्ष को लाभ मिले और विपक्षी वर्ग को कमजोर किया जा सके। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ नूरजहां का मसला नहीं, बल्कि हजारों-लाखों भारतीयों के मताधिकार पर हमला है।”
“डराकर और कुचलकर वोट हासिल करना चाहती है बीजेपी”
संजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में केंद्र और यूपी सरकार के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी घेरा। उन्होंने पूछा कि आखिर इस देश के नागरिकों को डराने, धमकाने और झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि एक बुजुर्ग महिला को एसआईआर फॉर्म की तकनीकी बातों पर फंसाना और एफआईआर दर्ज करना यह साबित करता है कि यूपी में लोकतांत्रिक अधिकार खतरे में हैं।
आप नेता ने कहा कि “अगर नूरजहां के परिवार को गिरफ्तार किया गया, तो आप के कार्यकर्ता और सांसद भी गिरफ्तारी देंगे। लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ी जाएगी।”
चुनाव आयोग और प्रशासन पर गंभीर आरोप
संजय सिंह ने दावा किया कि यूपी में जिला प्रशासन और चुनाव आयोग सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं। प्रवासी भारतीयों का वोट काटने, फॉर्म खारिज करने और धमकाने जैसे कदम लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।
उन्होंने कहा कि वोट बनवाना, नागरिकता साबित करना और मताधिकार का उपयोग करना किसी भी नागरिक का मूल अधिकार है। इसे अपराध बनाना संविधान और लोकतंत्र के अपमान जैसा है।
“वंदे मातरम विवाद पर बीजेपी की दोहरी नीति”
वंदे मातरम विवाद पर भी संजय सिंह ने बीजेपी को घेरा। उन्होंने कहा कि “जो लोग आज राष्ट्रवाद की बात कर रहे हैं, वही अंग्रेजों के समय क्रांतिकारियों के खिलाफ खड़े थे और 52 साल तक अपने दफ्तर पर तिरंगा नहीं फहराया।उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता के नाम पर धर्म, राष्ट्रवाद और देशभक्ति को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है।