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केरल में दिखा इस बीमारी का कहर, 1 साल में हो गई 200 से ज्यादा की मौत

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Posted On:Saturday, December 13, 2025

केरल राज्य लेप्टोस्पायरोसिस (Leptospirosis) नामक एक गंभीर जीवाणु रोग की बढ़ती समस्या का सामना कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि इस साल (1 जनवरी से 5 दिसंबर के बीच) केरल में लेप्टोस्पायरोसिस के 3259 पुष्ट मामले और इस बीमारी से संबंधित 209 मौतें दर्ज की गई हैं। यह आंकड़े राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं।

सर्वाधिक प्रभावित जिले

नड्डा के मुताबिक, केरल के 14 जिलों में लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों की संख्या में भारी अंतर देखा गया है। सर्वाधिक मामले इन तीन जिलों में दर्ज किए गए हैं:

  • तिरुवनंतपुरम: 583 मामले

  • एर्नाकुलम: 492 मामले

  • त्रिशूर: 340 मामले

स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि चूंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए इस बीमारी की निगरानी, रिपोर्टिंग और प्रतिक्रिया मुख्य रूप से राज्य की जिम्मेदारी है। हालांकि, केंद्र सरकार इस संबंध में राज्यों को सहायता प्रदान कर रही है।

क्या है लेप्टोस्पायरोसिस?

लेप्टोस्पायरोसिस को आमतौर पर 'रैट फीवर' (Rat Fever) के नाम से जाना जाता है। यह लेप्टोस्पाइरा (Leptospira) नामक बैक्टीरिया से होने वाला एक संक्रमण है। यह बीमारी आमतौर पर संक्रमित जानवरों (विशेष रूप से चूहों) के मूत्र से दूषित जल, मिट्टी या भोजन के संपर्क में आने से फैलती है।

केरल में यह बीमारी अक्सर मानसून के मौसम और बाढ़ के बाद जलभराव की स्थिति से जुड़ी होती है, जब दूषित पानी के संपर्क में आने की संभावना बढ़ जाती है।

🇮🇳 केंद्र सरकार की रोकथाम पहल

स्वास्थ्य मंत्रालय, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के माध्यम से, लेप्टोस्पायरोसिस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक विशेष कार्यक्रम (PPCL – Programme for Prevention and Control of Leptospirosis) लागू कर रहा है।

यह कार्यक्रम 12 स्थानिक राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा है, जिनमें केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

नड्डा ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है:

  • मजबूत निगरानी और निदान प्रणाली विकसित करना।

  • बीमारी की शुरुआती पहचान और तत्काल उपचार सुनिश्चित करना।

  • बेहतर रोगी देखभाल प्रदान करना।

  • स्वास्थ्यकर्मियों की क्षमता का निर्माण करना।

  • विभिन्न क्षेत्रों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना।

इन प्रयासों के माध्यम से लेप्टोस्पायरोसिस के कारण होने वाली बीमारी (morbidity) और मृत्यु दर (mortality) को कम करना है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सहायता

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत, केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तकनीकी और वित्तीय मदद प्रदान करती है। यह मदद उनके स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए, उनके वार्षिक प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन प्लान (PIP) में दिए गए प्रस्तावों के आधार पर नियमों और संसाधनों के अनुरूप दी जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि राज्य अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकें।


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