म्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। भारतीय सुरक्षाबलों और पुलिस ने आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए घर-घर सर्च ऑपरेशन चलाना शुरू कर दिया है। यह अभियान अत्याधुनिक तकनीकों, स्थानीय खुफिया सूचनाओं और जमीनी स्तर पर तैनात विशेष बलों के सहयोग से चलाया जा रहा है।
बीते कुछ दिनों में आतंकियों की गतिविधियों में बढ़ोतरी के चलते सुरक्षाबलों ने कठुआ, सांबा, पुलवामा और शोपियां जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है। इसका नतीजा यह रहा कि एक ही दिन में 6 आतंकियों को मार गिराने में सुरक्षाबलों को सफलता मिली। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
कठुआ और सांबा में तेज़ हुआ तलाशी अभियान
विशेष रूप से जम्मू रीजन के कठुआ और सांबा जिले इस समय सर्च ऑपरेशन का केंद्र बने हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से सीमा पार कर आतंकियों के घुसपैठ करने की कोशिशें लगातार जारी हैं। इन्हीं कोशिशों को नाकाम करने के लिए सीमा के आसपास के इलाकों को छान मारा जा रहा है।
सुरक्षाबलों को इनपुट मिला था कि कुछ आतंकी कठुआ के घने जंगलों में छिपे हो सकते हैं, इसके बाद SOG (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया।
महिला की सतर्कता से मिला अहम सुराग
सुरक्षा एजेंसियों को एक महत्वपूर्ण सुराग उस समय मिला जब कठुआ के एक गांव की महिला ने रात करीब 12:22 बजे दो संदिग्ध लोगों को घूमते हुए देखा। महिला के अनुसार, उनकी गतिविधियां असामान्य थीं और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे किसी साजिश के तहत गांव में प्रवेश कर चुके हैं। महिला की सतर्कता की सराहना करते हुए पुलिस ने तुरंत इलाके को सील कर सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया।
जंगल, नदी, नाले और गुफाएं – कोई जगह नहीं छोड़ी जा रही
SOG की टीम ने रात होते ही गांव, जंगल, नाले, गुफाएं और हर संभावित ठिकाने को खंगालना शुरू किया। यह तलाशी बेहद सतर्कता के साथ की जा रही है ताकि किसी प्रकार की चूक न हो। स्थानीय नागरिकों से भी अपील की गई है कि अगर कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
घर-घर तलाशी अभियान में हर कोने, हर छत, हर आंगन को देखा जा रहा है। कई जगहों पर ड्रोन कैमरों और स्निफर डॉग्स की मदद भी ली जा रही है ताकि आतंकी किसी भी हालत में बच न सकें।
BSF और CRPF की भी सक्रिय भूमिका
इस ऑपरेशन में केवल SOG ही नहीं बल्कि बीएसएफ (BSF), सीआरपीएफ (CRPF) और आर्मी की भी सक्रिय भूमिका है। कठुआ और सांबा जैसे सीमावर्ती जिलों में बीएसएफ की तैनाती के चलते सीमा पार से किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए चौकसी बढ़ा दी गई है। गांवों में फ्लैग मार्च और नाके भी लगाए जा रहे हैं ताकि आम जनता को सुरक्षा का एहसास हो और आतंकियों पर दबाव बना रहे।
6 आतंकियों के मारे जाने से गिरा मनोबल
इस संयुक्त सर्च ऑपरेशन में बीते 24 घंटे में 6 आतंकियों को मार गिराया गया, जिससे आतंकवादी संगठनों का मनोबल गिरा है। माना जा रहा है कि ये आतंकी किसी बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे। इनके पास से एके-47 राइफलें, ग्रेनेड, नक्शे और सैटेलाइट फोन बरामद किए गए हैं, जो उनके इरादों की गवाही देते हैं।
स्थानीय लोग बन रहे हैं सुरक्षाबलों की आंख-कान
इस बार के ऑपरेशन में एक खास बात यह रही कि स्थानीय लोगों की सतर्कता और सहयोग से सुरक्षाबलों को कई अहम सुराग मिले। गांव की महिला द्वारा दिए गए इनपुट ने यह साबित कर दिया कि अब आम नागरिक भी आतंक के खिलाफ खड़ा हो रहा है।
प्रशासन द्वारा भी लोगों से अपील की जा रही है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि को नजरअंदाज न करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।
निष्कर्ष: आतंक के खिलाफ निर्णायक मोड़ पर सुरक्षा बल
जम्मू-कश्मीर में चल रहा यह तलाशी अभियान यह स्पष्ट संकेत देता है कि भारत अब आतंक के खिलाफ "नो टॉलरेंस" नीति पर पूरी तरह अमल कर रहा है। सुरक्षाबलों की सजगता, स्थानीय लोगों का सहयोग और अत्याधुनिक तकनीक के सहारे अब हर उस आतंकी का अंत निश्चित है जो भारत की सरहदों में घुसने की कोशिश करेगा।
6 आतंकियों के मारे जाने के बाद आतंकवादी संगठन सकते में हैं और उनके लिए घाटी में अब ठिकाना बनाना बेहद कठिन होता जा रहा है। यदि इसी तरह सर्च ऑपरेशन चलता रहा तो जल्द ही कश्मीर घाटी आतंकमुक्त हो सकती है।