राजा रघुवंशी मर्डर केस ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह मामला न केवल हाई-प्रोफाइल है बल्कि इसकी तफ्तीश में सामने आ रहे रोज़ नए खुलासे इसे और भी रहस्यमयी बनाते जा रहे हैं। अब शिलांग पुलिस ने एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए इस केस से जुड़े महत्वपूर्ण सुराग जब्त किए हैं। शुक्रवार को मेघालय के शिलांग ज़िले के पुलिस अधीक्षक हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में एक हथियार, कुछ गोला-बारूद और एक बंदूक का पता चला है।
यह खुलासा केस की जाँच को एक नई दिशा दे सकता है, क्योंकि अब पुलिस के पास भौतिक साक्ष्य आ चुके हैं जिससे हत्या की असली मंशा, हथियार की सप्लाई, और संभावित साजिशकर्ताओं की पहचान के दरवाज़े खुल सकते हैं।
क्या है राजा रघुवंशी मर्डर केस?
राजा रघुवंशी, एक युवा व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता, हाल ही में शिलांग में रहस्यमयी हालातों में मृत पाए गए थे। शुरुआती रिपोर्ट्स में इसे आत्महत्या बताया जा रहा था, लेकिन परिस्थितियों की गहराई से पड़ताल करने पर यह मामला हत्या की ओर इशारा करने लगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट, घटनास्थल की तस्वीरें और गवाहों के बयान सभी ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया।
शुरुआती पूछताछ में पुलिस को पता चला कि रघुवंशी हाल के महीनों में कई राजनीतिक और कारोबारी मामलों में सक्रिय थे, जिससे उनके कुछ शत्रु भी बन गए थे। अब जब एक हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है, यह केस और अधिक संवेदनशील हो गया है।
शिलांग पुलिस ने क्या बरामद किया?
एसपी हर्बर्ट खारकोंगोर के अनुसार:
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एक बंदूक को सुरक्षित रूप से कब्जे में लिया गया है।
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कुछ जिंदा कारतूस (गोला-बारूद) भी जब्त किए गए हैं।
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ये सभी चीज़ें किसी अज्ञात जगह से मिलीं, जिसे पुलिस ने गुप्त रखा है ताकि केस की जांच प्रभावित न हो।
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ये सब साक्ष्य फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए गए हैं।
यह भी बताया गया कि बरामद हथियार वही हो सकता है जिससे रघुवंशी की हत्या की गई हो। अगर फॉरेंसिक जांच में यह पुष्टि हो जाती है, तो पुलिस को हत्यारे तक पहुंचने में बड़ी मदद मिलेगी।
किन लोगों से हो रही पूछताछ?
इस केस में पुलिस ने अब तक कुल 7 संदिग्धों से पूछताछ की है, जिनमें:
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एक प्रॉपर्टी ब्रोकर शीलोम जेम्स,
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कारोबारी लोकेंद्र सिंह तोमर,
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और दो स्थानीय नेताओं के नाम सामने आए हैं।
पुलिस का मानना है कि इन लोगों का राजा रघुवंशी से निजी और पेशेवर विवाद था। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजेक्शन और ईमेल के आधार पर पुलिस इन सभी को शक के घेरे में लेकर चल रही है।
पुलिस को मिली अहम लीड
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को एक डिजिटल सुराग भी मिला है—रघुवंशी की हत्या से पहले एक संदिग्ध व्यक्ति द्वारा कुछ डिलीट की गई चैट्स को रिकवर कर लिया गया है। इसमें रघुवंशी को धमकी भरे संदेश मिले थे। यह सुराग केस को निर्णायक मोड़ पर ला सकता है।
आगे क्या?
पुलिस अधीक्षक खारकोंगोर ने बताया कि अगले कुछ दिनों में और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं। इसके साथ-साथ, फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल डाटा एनालिसिस से मिलने वाली जानकारी के बाद चार्जशीट तैयार की जाएगी।
साथ ही पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी आरोपी को राजनीतिक संरक्षण न मिल पाए और जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए।
निष्कर्ष
राजा रघुवंशी की हत्या ने न सिर्फ मेघालय बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है। यह केस एक बार फिर यह साबित करता है कि किसी भी अपराध की तह में जाने के लिए केवल चश्मदीद नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और डिजिटल सबूत भी महत्वपूर्ण होते हैं। पुलिस की सतर्कता और तकनीकी मदद से उम्मीद की जा सकती है कि इस हाई-प्रोफाइल हत्या की सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।