भारतीय शेयर मार्केट में सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन 9 दिसंबर, मंगलवार को शुरुआत दबाव के साथ हुई। वैश्विक संकेतों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर इंडेक्स की मजबूती ने भारतीय इक्विटी बाजार की ओपनिंग पर असर डाला। शुरुआती सत्र में ही निवेशकों की सतर्कता देखी गई और प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान में कारोबार करते नजर आए।
बीएसई सेंसेक्स 359.82 अंक या 0.42% की गिरावट के साथ 84,742.87 अंक पर खुला। इसी तरह एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स भी 93.45 अंक यानी 0.36% नीचे फिसलकर 25,867.10 के स्तर पर ओपन हुआ। सुबह 9:20 बजे तक बिकवाली और तेज होती दिखी और सेंसेक्स 472 अंक लुढ़ककर 84,630 अंक पर जबकि निफ्टी 124 अंक की गिरावट के साथ 25,835 स्तर पर ट्रेड कर रहा था।
टॉप गेनर और टॉप लूजर
सुबह के कारोबार में बीएसई के टॉप गेनर में टाइटन, भारती एयरटेल और हिंदुस्तान यूनिलिवर शामिल रहे। इन शेयरों में हल्की खरीदारी ने सेंटीमेंट को कुछ सहारा देने की कोशिश की। वहीं, टॉप लूजर की सूची में एशियन पेंट्स, इटरनल, ट्रेंट, टेक महिंद्रा और रिलायंस के शेयर प्रमुख रहे, जिनकी गिरावट ने इंडेक्स पर दबाव बढ़ाया।
पेंट, रिटेल और आईटी सेक्टर में गिरावट का रुझान लगातार बना हुआ है। रिलायंस जैसे हेवीवेट शेयर में कमजोरी निफ्टी और सेंसेक्स दोनों पर भार बनती दिख रही है। दूसरी तरफ, एफएमसीजी और टेलीकॉम सेक्टर के चुनिंदा स्टॉक्स में मजबूती देखी गई।
सोमवार को भी बाजार रहा था कमजोर
8 दिसंबर, सोमवार को भी शेयर बाजार बुरी गिरावट के साथ बंद हुआ था। सेंसेक्स 609.68 अंक या 0.71% गिरकर 85,102.69 पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 50 इंडेक्स 225.90 अंक या 0.86% फिसलकर 25,960.55 के स्तर पर बंद हुआ। लगातार दूसरे दिन की कमजोरी ने निवेशकों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
सोमवार को बीएसई बास्केट में टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, रिलायंस और एचडीएफसी बैंक टॉप गेनर रहे थे, जबकि इटरनल, ट्रेंट, टाटा स्टील, अडानी पोर्ट्स और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर की सूची में शामिल थे। निफ्टी आईटी, निफ्टी ऑटो, निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी बैंक, निफ्टी स्मॉलकैप और निफ्टी 100—सभी इंडेक्स लाल निशान में ही बंद हुए।
पूरे सत्र में बीएसई के 30 में से केवल 4 शेयर हरे निशान में बंद हुए, जबकि 26 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। इससे साफ संकेत मिलता है कि मार्केट में चौतरफा सेलिंग का दबाव रहा।
किन कारणों से निवेशक सतर्क?
-
अमेरिकी फेड की अगली पॉलिसी को लेकर बाजार में अनिश्चितता
-
कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव
-
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा लगातार बिकवाली
-
डॉलर इंडेक्स की मजबूती के कारण उभरते बाजारों पर दबाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस हफ्ते बाजार में अस्थिरता जारी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक आंकड़े और केंद्रीय बैंकों के फैसले निवेशकों के मूड को प्रभावित करेंगे। दूसरी ओर, दिसंबर के अंत तक क्वार्टरली रिजल्ट की तैयारियां भी स्टॉक-विशेष मूवमेंट को बढ़ा सकती हैं।